मौसम विज्ञान: मौसम से "आजादी" के तीन नियम

मानव शरीर पर प्राकृतिक घटनाओं का प्रभाव प्राचीन चिकित्सकों के लिए जाना जाने वाला एक वसंत है। सूर्य की किरण न्यूरोसिस को हटाने और महत्वपूर्ण ऊर्जा की आपूर्ति बहाल करने के लिए प्रतिरक्षा, कोमल हवा - परिसंचरण तंत्र ऑक्सीजनेट, और चलने वाले पानी को बेहतर बनाने में सक्षम हैं।

लेकिन कभी-कभी अस्थिर मौसम एक सहयोगी से दुश्मन में बदल जाता है। माइग्रेन, दबाव बूंदें, मांसपेशी स्पैम, कमजोरी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के विकार मेटीओडपेन्डेंस के लक्षण हो सकते हैं - एक बहुत ही अप्रिय बीमारी।

सिंड्रोम के अभिव्यक्तियों को जागृत करने से तीन सरल आदतों में मदद मिलेगी। सबसे पहले, नींद व्यवस्था को समायोजित करना आवश्यक है: यह शरीर को शक्ति की कमी को भरने और प्राकृतिक प्रतिरोधी बाधाओं को मजबूत करने, प्राकृतिक प्रतिरोध के स्तर को बढ़ाने की अनुमति देता है।

स्वर में वृद्धि दूसरा महत्वपूर्ण कारक है। योग, एथलेटिक पैदल चलने, तैराकी, कंट्रास्ट शावर, एरोबिक्स और अभ्यास को खींचने - किसी भी मध्यम भार से शरीर के धीरज में सुधार होगा और उल्का संवेदनशीलता कम हो जाएगी।

और, अंत में, एक आहार: भारी मांस, फास्ट फूड, अल्कोहल और कॉफी का दुरुपयोग न करें। हल्की सब्जी सलाद, खट्टे-दूध के उत्पाद, मछली और अनाज उल्कापिंड के खिलाफ लड़ाई में अनिवार्य सहायक हैं।